नेहरू जी की पुण्यतिथि 27 मई के अवसर पर
नेहरू का सम्मान करना कोई अटल बिहारी वाजपेयी से सीखे
संसद में वाजपेयीजी द्वारा नेहरू जी के सम्मान में श्रद्धांजलि भाषण
2025-05-26 11:20
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संसद में वाजपेयीजी द्वारा नेहरू जी के सम्मान में श्रद्धांजलि भाषण
अध्यक्ष महोदय,
एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूंगा हो गया, एक लौ थी जो अनंत में विलीन हो गई। सपना था एक ऐसे संसार का जो भय और भूख से रहित होगा, गीत था एक ऐसे महाकाव्य का जिसमें गीता की गूंज और गुलाब की गंध थी। लौ थी एक ऐसे दीपक की जो रात भर जलता रहा, हर अंधेरे से लड़ता रहा और हमें रास्ता दिखाकर, एक प्रभात में निर्वाण को प्राप्त हो गया।
अध्यक्ष महोदय,
एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूंगा हो गया, एक लौ थी जो अनंत में विलीन हो गई। सपना था एक ऐसे संसार का जो भय और भूख से रहित होगा, गीत था एक ऐसे महाकाव्य का जिसमें गीता की गूंज और गुलाब की गंध थी। लौ थी एक ऐसे दीपक की जो रात भर जलता रहा, हर अंधेरे से लड़ता रहा और हमें रास्ता दिखाकर, एक प्रभात में निर्वाण को प्राप्त हो गया।